-खुद को बताया था पॉलिसी बाजार का एजेंट
-पुलिस ने फर्जीवाड़ा करने वाले व्यक्ति को किया गिरफ्तार
गुरुग्राम। फर्जी एजेंट बनकर एक व्यक्ति ने कार इंश्योरेंस के नाम पर एक व्यक्ति से 51 हजार 218 रुपये की ठगी कर ली। उसने खुद को पॉलिसी बाजार का प्रतिनिधि बताया था। इंश्योरेंस कराने वाले व्यक्ति ने नामी कंपनी का नाम सुनकर आसानी से उस पर विश्वास कर लिया और उसे पैसे ट्रांसफर कर दिए। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार 4 जून 2021 को पुलिस थाना साईबर अपराध पूर्व की टीम को एक व्यक्ति ने शिकायत दी कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने खुद को पॉलिसी बाजार का एजेंट बताकर उनकी गाड़ी का इंश्योरेंस रिन्यू कराने की बात कही। उसने कार मालिक को इंश्योरेंस पॉलिसी जारी कराकर 51218 रुपये ऐंठ लिए। इस शिकायत की जांच करने के बाद अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू की गई।
पुलिस थाना साईबर अपराध पूर्व गुरुग्राम की टीम ने इस केस में एक आरोपी शशिनाथ पाठक उर्फ अभिषेक पाल को गिरफ्तार किया गया था। दूसरे केस में पुलिस ने शशिनाथ पाठक के अलावा उसके दो अन्य साथियों राजेश्वरी सिंह व निहाल सिंह को भी 2021 में ही गिरफ्तार कर लिया था। इन्होंने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी पॉलिसी देकर ठगी करने की वारदातों को अंजाम देने का खुलासा किया। साइबर अपराध थाना पूर्व निरीक्षक बिजेंद्र सिंह की टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों के एक अन्य साथी को अब गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। उसे नेब सराय दिल्ली से काबू किया गया है। आरोपी की पहचान राहुल कुमार (26) के रूप में हुई है। वह 12वीं कक्षा पास है।
आरोपी से पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वह और उसके अन्य साथी पहले एक इन्श्योरेंस कम्पनी में फोन कॉल करके इन्श्योरेंस करने का काम करते थे। सभी ने मिलकर खुद के लिए इंश्योरेंस का काम करने की योजना बनाई। कई वेबसाइट से डाटा जुटाया। इसके साथ ही फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाए, फर्जी मोबाइल नंबर जुटाए और फर्जी नंबरों से लोगों को कार इंश्योरेंस कराने के लिए लोगों से बात करनी शुरू की। वे खुद को पॉलिसी बाजार के एजेंट बताकर लोगों को पॉलिसी प्रीमियम में 25 प्रतिशत की छूट देने का प्रलोभन देते थे। लो उनकी बातों में आकर खातों में पैसे डाल देते थे।
दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर भी चलाया
आरोपियों ने ठगी करने के लिए दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर वर्ष 2020 से 2021 तक फर्जी कॉल सेन्टर भी चलाया। उसमें काम करने के लिए कर्मचारी रखे, जिन्हें ये 8 से 10 हजार रुपये सेलरी देते थे। उसके बाद ये अलग होकर दो-दो के गुट में काम करने लगे। अब तक ये 448 लोगों को अपना शिकार बनाकर उनसे 42 लाख 95 हजार 365 रुपये की ठगी कर चुके है।
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