-एम3एम फाउंडेशन के कौशल संबल प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षित महिलाओं को एक दीक्षांत समारोह में किया गया सम्मानित
गुरुग्राम। वह समय उन महिलाओं के लिए खास था, जब उन्हें दीक्षांत गाउन पहनाकर सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। इन पलों को महिलाएं अपने मन, मस्तिष्क में सहेज कर ले गईं।
जिले के खंड सोहना के गांव घामड़ोज, भोंडसी और खेड़ला गांवों की 35 महिलाओं को कल केआईआईटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एक दीक्षांत समारोह में बुनाई प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट मिला।
दीक्षांत समारोह में उपस्थित सशस्त्र बलों के परिवारों की ग्रामीण महिलाओं को कार्यक्रम के दौरान उनके परिवारों और ग्रामीणों ने समर्थन दिया। यह सपोर्ट एम3एम फाउंडेशन के कौशल संबल पहल के तहत मिला और प्रशिक्षण नवज्योति इंडिया फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया गया।
इस पहल का उद्देश्य अच्छी गुणवत्ता का प्रशिक्षण प्रदान करना था, ताकि वे अपने परिवारों को सपोर्ट कर सकें और अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बना सकें। बुनाई के अलावा उन्हें मार्केटिंग में पैकेजिंग का भी प्रशिक्षण दिया गया। एम3एम फाउंडेशन की ट्रस्टी डॉ. पायल कनोडिया ने कहा कि हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रशिक्षण के दौरान उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों मफलर और टोपी तथा बांस की बनी राखियों को पैक करके लेह, लद्दाख सीमा पर हमारे सेना के भाइयों के लिए प्यार और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में भेजा गया था।
इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में आशीष द्विवेदी सहायक कमांडेंट (बीएसएफ), डॉ. ऐश्वर्या महाजन अध्यक्ष एम3एम फाउंडेशन और उजाला चौधरी ईडी नवज्योति इंडिया ट्रस्ट शामिल रहे।
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