इंद्रेश कुमार

इंद्रेश कुमार : तिब्बत कभी भी चीन का हिस्सा नहीं था।

एनसीआर गुरुग्राम

-भारत तिब्बत सहयोग मंच का हुआ दो दिवसीय सम्मेलन

गुरुग्राम। भारत तिब्बत सहयोग मंच का दो दिवसीय सम्मेलन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार के मार्गदर्शन में हुआ। पहले दिन के प्रथम सत्र का उद्घाटन डा. इंद्रेश कुमार व अन्य अतिथियों एवं मंच के वरिष्ठ अधिकारियों ने दीप प्रज्वलन कर किया।  

अपने संबोधन में डा. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि दुनिया के कई प्रभावशाली देश अन्य देशों को अपने में मिलाकर मजबूत बनाने का काम किया है, किंतु भारत ऐसा देश है जिसने अपने क्षेत्रफल में से अन्य देशों को जन्म देने का काम किया। उन्होंने कहा कि सदियों से भारतीय संस्कृति में सद्भाव की परंपरा रही है। डा. कुमार ने कहा कि 63 साल पहले 1959 में परम पावन दलाई लामा अपने समर्थकों के साथ भारत आये और भारत ने उन्हें शरण देने का काम किया। चीन ने 12 लाख तिब्बतियों का कत्लेआम कर वहां की सभ्यता एवं संस्कृति को बर्बाद करने का काम किया है। जबकि सच्चाई तो यह है तिब्बत कभी चीन का हिस्सा था ही नहीं।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए निर्वासित तिब्बत सरकार की डिप्टी स्पीकर डोलमा त्सेरिंग तेखनग ने कहा कि चीन तिब्बत की संस्कृति को तहस-नहस कर रहा है महिलाएं-बच्चे असुरक्षित हैं। मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार में चीन को मुंह तोड़ जवाब देने में हमारी सेना को खूब मजा आ रहा है। मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल ने कहा कि मंच का कारवां लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में 46 प्रान्तों के 382 जिलों में मंच के लाखों कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय मंत्री प्रमोद गोयल ने कहा कि चीन की चाल को भारत ने हमेशा ही नाकामयाब किया है। चीन के चेहरे को कई बार उजागर किया जा चुका है। वह दिन दूर नहीं जब तिब्बत भारत का हिस्सा हो जाएगा।

हरियाणा प्रान्त अध्यक्ष अमित गोयल ने कहा कि डा. इंद्रेश कुमार के प्रयासों से निकट भविष्य में तिब्बत भारत में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में तिब्बत के लोगों के साथ चीन द्वारा बहुत अत्याचार किए जा रहे हैं। इस अवसर पर प्रान्त मंत्री प्रवीण प्रजापति, दिनेश मित्तल, योगेश कुमार, जगबीर ङ्क्षसह, गौतम बंसल, रविंद्र बंसल आदि हरियाणा से कार्यकर्ता मौजूद रहे।


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