नारद स्टिंग केस: कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर रोक

कानून देश-विदेश नई दिल्ली

नारद स्टिंग केस में कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा ममता बनर्जी और मलय घटक को हलफनामा दाखिल करने की इजाजत नहीं देने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था । सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक द्वारा दायर अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई करी, इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने ममता बनर्जी को नए सिरे से कलकत्ता हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा है कि वो इन अर्जियों पर फिर से विचार करे और इसके बाद ही मामले में आगे सुनवाई करे।

उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता सोमवार 29 जून तक हाईकोर्ट में अपना आवेदन दें, व उसकी कॉपी एडवांस में 27 जून तक CBI को दी जाय। कोर्ट ने CBI को भी 29 जून तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है तथा उसकी एडवांस कॉपी याचिकाकर्ता को 28 जून तक देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाइकोर्ट का 9 जून का आदेश रोकते हुए, हाइकोर्ट को कहा की नारद स्टिंग केस मामले में 29 जून को नए सिरे से फैसला ले। ममता बनर्जी को इस मामले में पक्षकार बनाया गया था। सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के चार मंत्रियों फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया था। यह मामला एक स्टिंग ऑपरेशन से संबंधित है, जिसे नारद स्टिंग ऑपरेशन के रूप में जाना जाता है। ये लोग स्टिंग करने वाले शख्स सैमुअल से रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद हो गए थे।


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