तालाबों के जीर्णाेद्धार

जिला में आधा दर्जन तालाबों के जीर्णाेद्धार का काम हुआ पूरा

एनसीआर गुरुग्राम

फतह सिंह उजजाला
गुरूग्राम । 
गुरूग्राम जिला में भूमिगत जल स्तर में सुधार लाने को लेकर गुरूजल सोसायटी द्वारा अब तक जिला में 6 तालाबों के जीर्णाेद्धार का कार्य पूरा किया जा चुका है जबकि 10 अन्य तालाबों के जीर्णाेद्धार का कार्य प्रगति पर है। यह जानकारी डीसी की अध्यक्षता में आयोजित गुरूजल सोसायटी की बैठक में दी गई। यह बैठक लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित की गई थी। बैठक में गुरूजल सोसायटी के सदस्यों द्वारा पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन के माध्यम से गुरूजल सोसायटी द्वारा जिला में अब तक किए गए कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इस दौरान तालाबों के जीर्णाेद्धार उपरांत इसके रख-रखाव संबधी विषय पर भी विस्तार से विचार विमर्श किया गया।

बैठक में डीसी के समक्ष तालाबों के आस पास फैले कचरे को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि तालाबों के जीर्णाेद्धार के बाद इनका रख-रखाव अत्यंत आवश्यक है, जिसे लेकर स्थाई तौर पर व्यवस्था बनाए जाना जरूरी है। इसे लेकर डीसी ने कहा कि तालाब प्राकृतिक स्त्रोत है, जिन्हे पुर्नजीवित करते हुए प्राकृतिक जल स्त्रोतों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तालाबों के जीर्णोंद्धार उपरांत इसे पंचायती राज संस्थाओं को सौंपते हुए गुरूजल सोसायटी की देखरेख में रख रखाव का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला में अमृत सरोवर मिशन के तहत चरणबद्ध तरीके से 75 तालाबों के जीर्णाेद्धार का कार्य किया जाना है जिसे लेकर अलग-2 साइटो की पहचान करते हुए इस दिशा में काम शुरू किया गया है।

मानसून से पहले जल संरक्षण के इंतजाम
डीसी ने कहा कि जिला में मानसून से पहले जल संरक्षण को लेकर आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि बरसाती पानी का संचयन कर भूमिगत जल में सुधार लाया जा सके। बैठक में रेन वाटर हारवेस्टिंग स्ट्रक्चरों की चालू हालत को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि जिला में गुरूजल सोसायटी द्वारा भी अब तक जिला में 6 तालाबों के जीर्णाेद्धार का कार्य पूरा किया जा चुका है, जिनमें गांव खेंटावास, मौजाबाद, दौला, हरचंदपुर, इकबालपुर तथा भौड़ाकलंा शामिल है। इसी प्रकार, जिन 10 गांवो में तालाबों के जीर्णाेद्धार का कार्य किया जा रहा है उनमें गांव दौलताबाद, धर्मपुर, बुढ़ेड़ा, ताजनगर, पालासौली, बिलासपुर, हरियाहेड़ा ,चांदला डूंगरवास, वजीरपुर व कासन आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि तालाबों के जीर्णाेद्धार से पूर्व इनका अध्ययन किया जाता है और अध्ययन के परिणामों के अनुरूप इनमें सुधार किया जाता है। इस परियोजना कि तहत चयनित तालाबों के आस-पास पौधारोपण भी किया जाता है ।  

एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण बड़ी चुनौती
उन्होंने कहा कि तालाबों के जीर्णाेद्धार तथा भूमिगत जल स्तर में सुधार लाने को लेकर यदि कोई कंपनी सीएसआर के तहत काम करने के लिए आगे आए तो जिला प्रशासन उनका स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का बढ़ता स्तर हम सभी के लिए बड़ी चुनौती है जिसके लिए समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट होकर इस दिशा में प्रयास करने होंगे ताकि आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ व निर्मल वातावरण मिल सके। उन्होंने आम जन से अपील करते हुए कहा कि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए ना केवल स्वयं पौधारोपण करें बल्कि अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। बैठक में गुरुजल सोसाइटी की प्रोग्राम मैनेजर मधुमिता बेनर्जी, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान सहित संबंधित विभागों के कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।


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