मध्यप्रदेश में पग-पग पर कई धार्मिक मान्यताएं एवं चमत्कार समेटे मंदिर है। भारत देश के हृदय मध्य प्रदेश में कई ऐसे मंदिर है जो चमत्कारों से भरे हुए है जहां कई मान्यताएं भी है। आज हम आपको मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले के बीजा नगरी स्थित माँ हरसिद्धि के चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहा है। माँ हरसिद्धि का यह मंदिर मध्यप्रदेश के प्रमुख चमत्कारी मंदिरों में से एक है। यहां लगभग 2 हजार वर्षो से अखंड ज्योत जल रही है। यहां विराजित माँ हरसिद्धि दिन भर में तीन रूप में दिखाई देती है। मंदिर का निर्माण उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के भांजे वियजसिंह ने करवाया था। यहां नवरात्रि में भक्तों का सैलाब उमड़ा है एवं मन्नत धारियों का ताता लगता है।
2 हजार वर्ष से जल रही है अखंड ज्योति, हवा से भी नही बुझती-
मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले से लगभग 20 किलोमिटर दूर बीजा नगरी स्थित मां हरसिद्धि मंदिर चमत्कारिक होने का सबसे बड़ा जीता जागता उदाहरण यहां की वर्षो पुरानी अखंड ज्योति है। बताया जाता है यहां 2 हजार वर्षो से यहां अखंड ज्योति जल रही हैं जो हवा चलने पर भी नही बुझती है। जिसके दर्शन मात्र से ही कई रोग और कष्ट दूर हो जाते है। माँ हरसिद्धि मंदिर की ख्याती पुरे प्रदेश में फैली हुई है। यहां कई बड़ी राजनितिक हस्तीयां मत्था टेक चुकी है।
राजा को सपने में दिया था दर्शन, मंदिर का दरवाजा अपने आप हो गया था पश्चिम में-
माँ हरसिद्धि मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं एवं इतिहास है। बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के भांजे वियजसिंह ने करवाया था। जब वियजसिंह यहां के राजा थे तब वे माँ हरसिद्धि के अनन्य भक्त थे और प्रतिदिन माँ हरसिद्धि के दर्शन करने के लिए में उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर जाते थे। उनकी इस भक्ती को देखकर माँ हरसिद्धि ने राजा वियजसिंह को सपने में दर्शन देकर कहां की में तुम्हारी भक्ती से प्रसन्न हुई हूं। तुम बीजा नगरी में ही मेरा मंदिर बनवाओं और उस मंदिर का दरवाजा पूर्व दिशा में रखना। राजा वियजसिंह ने ऐसा ही किया एवं मंदिर निर्माण करवाया। जिसके बाद माता ने पूनः राजा को सपना दिया और कहां की में तुम्हारे बनाएं हुए मंदिर में विराजमान हो गई हूँ। तूमने मंदिर का दरवाजा पूर्व में रखा था अब वह पश्चिम में हो गया है। राजा जब सुबह उठकर मंदिर पहुंचा तो उसने देखा की मंदिर का दरवाजा पश्चिम में हो गया है। जिसके बाद से मंदिर पर कई चमत्कार हुए है। वर्तमान में माँ हरसिद्धि का यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है।
तीन रूप में दर्शन देती है माता, मन्नताधारी बनाते है उल्टा स्वास्तिक-
माँ हरसिद्धि मंदिर पर नवरात्रि में लाखों श्रृद्धालु दर्शन करते है। यहां हर मन्नत पुरी होती है। मन्नत लेने वाले श्रृद्धालु गोबर से उल्टा स्वास्तिक मंदिर पर बनाते है। जब श्रृद्धालुओं की मन्नत पुरी हो जाती है तो वे पुनः मंदिर में आकर सीधा स्वास्तिक बनाते है। चमत्कारीक मंदिर में विराजित मां हरसिद्धि दिन भर में तीन रूप में नजर आती है। यहां पहुंचने वाले श्रृद्धालुओं के अनुसार माँ हरिसिद्धि सुबह बचपन, दोपहर को जवानी और शाम को बुढ़ापे के रूप में दिखाई देती है। माता के तीना रूप में दर्शन करने के लिए यहां श्रृद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।