यवतमाल में 10,000 किसानों को स्प्रेमैन उद्यमी का प्रशिक्षण देने के लिए सिन्जेंटा ने लांच किया आई-सेफ कार्यक्रम

सिन्जेंटा ने लांच किया आई-सेफ कार्यक्रम

एनसीआर गुरुग्राम

गुरुग्राम |  महाराष्ट्र में कृषि को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, प्रदेश का विदर्भ क्षेत्र अनेक जोखिमों को झेल रहा है और साथ ही हर मौसम में इसके सामने चुनौतियां भी आती रहती हैं। यहां सूखे का जोखिम बना रहता है और कृषि पर बहुत दबाव है इसलिए यहां के किसानों को निरंतर सहयोग व सहायता की जरूरत बनी रहती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए और किसानों की सेहत व सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर आगे बढ़ते हुए सिन्जेंटा इंडिया ने एक अभिनव स्वास्थ्य व सुरक्षा कार्यक्रम आई-सेफ तैयार किया है।

आई-सेफ इस किस्म का पहला प्रोग्राम है जो यवतमाल के किसानों को सेहत व सुरक्षा के बारे में जागरुक और उपकरणों व तकनीकों के बारे में शिक्षित कर करेगा। सिन्जेंटा इंडिया ने सोमवार को आई-सेफ प्रोग्राम लांच किया। इसका लक्ष्य है 10,000 किसानों व छिड़काव करने वालों को सक्षम बनाना ताकी वे जान सकें की कीटनाशकों का इस्तेमाल, छिड़काव व उनकी संभाल किस प्रकार करनी है। इस तरह कंपनी उन्हें स्प्रेमैन उद्यमी बनने में मदद करेगी।

इस कार्यक्रम की घोषणा सिन्जेंटा इंडिया द्वारा आयोजित एक विशेष समारोह में की गई। कृषि विभाग एवं यवतमाल जिला प्रशासन के सहयोग से महाराष्ट्र कृषि दिवस 2019 को यह समारोह आयोजित किया गया और इसमें पूरे यवतमाल से लगभग 150 किसानों एवं छिड़काव करने वालों ने भाग लिया।

आई-सेफ सिन्जेंटा की सीएसआर यानी काॅर्पोरेट सामाजिक दायित्व गतिविधि है जिसे सिन्जेंटा इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से महाराष्ट्र सरकार के कृषि विभाग के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य 100 युवाओं को बतौर स्प्रेमैन उद्यमी प्रशिक्षित करना है जो आगे चलकर अन्य 500 स्प्रेमैनों को प्रशिक्षण देंगे। यवतमाल व सतारा जिलों सिन्जेंटा सरकार के साथ मिलकर किसानों के स्वास्थ्य व सुरक्षा कार्यक्रमों पर काम कर रही है।

जिला परिषद यवतमाल के सीईओ श्री जलज शर्मा, आईएएस ने सिन्जेंटा के ’स्प्रेमैन उद्यमी’ के काॅन्सेप्ट की सराहन की और कहा की यह माॅडल यवतमाल जिले के ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार उत्पन्न करेगा और साथ ही कृषि का भी विकास होगा क्योंकि कृषि रसायनों का गलत इस्तेमाल घटेगा व सुरक्षा में सुधार होगा। श्री जलज शर्मा ने स्प्रेमैन ट्रेनिंग के महत्व पर बात की और बताया की यह क्यों आवश्यक है। श्री नवनात कोलपकर, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी, यवतमाल तथा श्री पंकज बर्डे, कृषि विकास अधिकारी ने भी इस समारोह में शिरकत की।

सिन्जेंटा के चीफ सस्टेनेबिलिटी आफिसर डाॅ के सी रवि ने कहा, ’’2017 में यवतमाल में कीटनाशक संबंधी जो दुखद घटना हुई थी उसके पीछे की मुख्य वजहों में से एक थी रसायनों का गलत मिश्रण और फसलों पर छिड़काव करते हुए पर्याप्त सावधानियां नहीं बरतना। कंपनी के काॅर्पोरेट सामाजिक दायित्व के अंतर्गत की गई इस पहल के जरिए पेशेवर प्रमाणित स्प्रेमैन तैयार किए जाएंगे जो छिड़काव करते हुए सभी सुरक्षा उपायों का पालन करेंगे। महाराष्ट्र कृषि विभाग और यवतमाल जिला प्रशासन एवं गैर सरकारी संगठनों का सहयोग मिलना हमारे लिए सम्मान की बात है इस प्रकार हम सुनिश्चित कर सकेंगे की कृषि कार्य स्वास्थ्यकर, हाइजीनिक और सबसे अहम सुरक्षित ढंग से हो पाएगा जिससे कीटनाशक संबंधी अवांछित घटनाओं से बचाव हो सकेगा।’’

डाॅ के सी रवि ने आगे कहा, ’’यवतमाल जिले में हम 2017-18 से किसान प्रशिक्षण गतिविधियां, निजी स्वास्थ्य व हाइजीन व सुरक्षित इस्तेमाल पर अभियान, डाॅक्टर ट्रेनिंग प्रोग्राम तथा सिन्जेंटा वाॅकहार्ट मोबाइल हैल्थ क्लीनिक का संचालन करते आ रहे हैं। और अब आई-सेफ प्रोग्राम यवतमाल जिले के किसानों के लिए हमारे कार्यों, गतिविधियों व प्रतिबद्धता को और ज्यादा पुख्ता करेगा।’’

आई-सेफ प्रोग्राम के लांच के तहत जिला परिषद की अध्यक्ष सौउ माधुरी ताई, जिला परिषद के उपाध्यक्ष और कृषि विषय समिति, यवतमाल के चेयरमैन श्री श्यामभाउ जायसवाल ने सिन्जेंटा द्वारा प्रशिक्षित किसानों को स्प्रे पम्प और निजी सुरक्षा उपकरण वितरित किए। सौउ माधुरी ताई ने सिन्जेंटा वाॅकहार्ट मोबाइल हैल्थ क्लीनिक को झंडी दिखा कर रवाना किया और स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित छिड़काव प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले स्प्रेमैनों को प्रमाणपत्र दिए। इस आयोजन में छिड़काव करने वाले प्रशिक्षित लोगों ने अपने अनुभव साझा किए, उन्होंने सेफ्टी गियर के अनुभव बताए, सही मात्रा का महत्व समझाया और बताया की छिड़काव के वक्त विभिन्न रसायनों के मिश्रण का क्या नतीजा होता है।

कीटनाशकों का छिड़काव कृषि की एक प्रमुख गतिविधि है इसलिए छिड़काव करने वालों एवं किसानों के लिए इनके उपयोग की सही व्यावहारिक जानकारी लेना बेहद जरूरी है जिसमें शामिल हैं- सही भंडारण, इस्तेमाल, संभाल, कृषि रसायनों का निपटान, कंटेनर व संबंधित जिम्मेदारियां। इन प्रशिक्षित स्प्रेमैनों को कृषि-उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए सिन्जेंटा ने प्रमाणन को जरूरी किया है।

सिन्जेंटा कंपनी, सिन्जेंटा फाउंडेशन इंडिया , कृषि विज्ञान केन्द्र , सगरोली, नांदेड़ मिलकर स्प्रेमैन प्रशिक्षण व प्रमाणन का कार्य करते हैं। इस प्रक्रिया से उनमें ज्यादा आत्म विश्वास आएगा और यह स्प्रेमैन व किसानों दोनों ही के लिए क्वालिटी की पहचान के तौर पर काम करेगा। यह प्रगतिशील सोच है जिससे किसानों को सुविधा होगी क्योंकि वे इस बात के लिए सुनिश्चित होंगे की स्प्रेमैन को ऐप्लीकेशन टेक्नोलाॅजी एवं पैस्ट मैनेजमेंट पद्धतियों की व्यावहारिक समझ है जो की कृषि कार्य में अत्यावश्क हैं।

इस प्रोग्राम में सिन्जेंटा टीम ने एक सत्र भी संचालित किया जो कीटनाशकों एवं ऐप्लीकेशन टेक्नोलाॅजी के बारे में था। यह प्रोग्राम लाइव डैमाॅनस्ट्रेशन के साथ खत्म हुआ जिसमें बताया गया की छिड़काव के उपकरणों का कैसे इस्तेमाल करें और निजी सुरक्षा के उपकरणों कैसे पहनें।

सिन्जेंटा के बारे में
सिन्जेंटा एक अग्रणी कृषि कंपनी है जो दुनिया के करोड़ों किसानों को उपलब्ध संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल में सक्षम बनाकर वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुधारने में मदद कर रही है। 90 देशों में हमारे 28,000 लोग विश्व स्तरीय वैज्ञानिक एवं अभिनव फसल समाधानों के जरिए फसल उगाने के तरीकों को बदलने के लिए कार्यरत हैं। हम जमीन के उपजाऊपन को खत्म होने से बचाने, जैव विविधता बढ़ाने और ग्रामीण समुदायों में नई जान फूंकने के लिए समर्पित हैं।


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