अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट में, दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है जिसमें मनी लांड्रिंग मामले में सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति दिल्ली हाई कोर्ट नें दी थी। ईडी की ओर से सहायक महाधिवक्ता श्री विक्रमजीत बनर्जी ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी. आर. गवई की अवकाश पीठ के समक्ष इस मामले को उठाया और जल्द सुनवाई का आग्रह किया। पीठ ने उनके इस आग्रह पर सहमति जताते हुए मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया है।
दरअसल राजीव सक्सेना को 25 जून से 24 जुलाई तक यूरोप, ब्रिटेन और दुबई में अपना इलाज कराना है। 10 जून को दिल्ली हाई कोर्ट ने उसे विदेश जाने की अनुमति दे दी थी। 6 जून को हाईकोर्ट ने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति देने के निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाई थी। ईडी की याचिका पर कोर्ट ने राजीव सक्सेना को नोटिस जारी किया था । ईडी की ओर से कहा गया था कि इस मामले में जांच अहम मोड़ पर है और राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति देने से जांच प्रभावित हो सकती है।
इससे पहले 1 जून को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने राजीव सक्सेना को 50 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट बतौर सिक्योरिटी जमा करने का निर्देश दिया था। याचिका में कहा गया था कि राजीव सक्सेना को अपने इलाज के लिए विदेश जाने की जरूरत है। सुनवाई के दौरान राजीव सक्सेना ने कहा कि उसे ल्युकेमिया की बीमारी है। उसे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है। अत: इलाज के लिए उसे विदेश जाने की अनुमति दी जाये । 31 जनवरी को, राजीव सक्सेना को प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी की सुबह ही उसे गिरफ्तार किया था और बाद में कोर्ट की अनुमति से वो सरकारी गवाह बन गया था।