तावडू, 22 जून (आदर्श) : गिरेंगे जमीनों के भाव डिमेट योजना होगी लागू रियल स्टेट पहले से ही मंदी की चपेट में है। नये कानून के पश्चात जमीन और मकानों के भावों में भारी गिरावट आने की सम्भावना है। 2014 के पश्चात रियल इस्टेट में 20 से 35 प्रतिशत गिरावट आ चुकी है अगले 1-2 साल में 25 से 30 प्रतिशत की ओर गिरावट आ सकती है। उपरोक्त बयान सुखबीर नागर पाली ने पत्रकारों के सम्मुख देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार रियल इस्टेट डीमेट अकाउंट खोलने का शीघ्र ही नया नियम लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शेयर मार्कीट के लिए अकाउंट प्रारम्भ किया गया है उसी तर्ज पर जमीन ओर मकानों की प्रविष्टी के लिए केन्द्र रियल एस्टेट डीमेट अकांट योजना लागू करने जा रही है। सुखबीर नागर ने कहा कि इक्विटी डीमेट अकाउंट में सभी शेयरों का इंद्राज होता है। उन्होंने कहा कि मान लो किसी का कोई डीमेट अकाउंट है तो उसके पास किस कम्पनी के कितने शेयर हैं उसका पूरा ब्यौरा रहता है। उन्होंने बताया कि उदाहनार्थ किसी के पास 140 शेयर रिलायंस 218 एसबीआई और 250 शेयर सन फार्मा के हैं तो उसके छिमेट अकाउंट में पूर्ण विवरण दर्ज होगा। यदि पहले वाले ने 40 शेयर रिलायंस के बेच दिए तो उसके खाते में 100 शेयर ही कम्पनी के शेष रहेंगे। यानी शेयरों का सारा हिसाब किताब डीमेट अकाउंट में दर्ज होता है। डीमेट अकाउंट खुलवाए बिना कोई भी व्यक्ति क्मपनी शेयरों खरीद फरोख्त नहीं कर सकती है। इस प्रकार अब जमीन मकान दुकान माल आदि का समूचा ब्यौरा उीमेट अकाउंट में दर्ज होगा। जिसका डिमेट अकाउंट नहीं होगा वह व्यक्ति फर्म या क्मपनी आदि जमीन मकान दुकान आदि की खरीद फरोख्त नहीं कर सकती है। किसी भी व्यक्ति के पास जयपुर में मकान नोएडा में रिहायशी भूखंड पूना में दुकान गुरूग्राम में वाणिज्यिक भूखंड है तो उन सभी का इंद्राज छीमेट अकाउंटमें नहीं हैतो वह सम्पति गैर कानूनी मानी जाएगी। ऐसी सम्पति का किसी भी प्रकार से लेन देन करना अमान्य होगा। सुखबीर नागर ने कहा कि नए कानून में निर्धारित अवधि में खाली भूखंड का उपयोग नहीं करने पर जुर्माने का भी प्रावधान होगा। इस के अतिरिक्त जिन लोगों के पास बेनामी जमीन जायदाद होगी सरकार उस को जब्त कर सकती है। इन परिस्थितियों नया कानून लागू होते ही रियल इस्टेट में मंदी का बहुत बड़ा भूचाल आने की सम्भावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। मोदी सरकार शीघ्र ही इस कानून को लागू करने पर विचार कर रही है। सुखबीर नागर ने कहा कि नोटबंदी सफल हुई या असफल यह एक बहस का मुद्दा हो सकता है लेकिन इस योजना के पश्चात बेनामी सम्पतियों का भांडा फूट कर ही रहेगा।